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अनुपात तथा समानुपात (Ratio and Proportion)
अनुपात
समान प्रकृति की दो राशियों के बीच का सम्बन्ध, जो यह दर्शाता है कि एक राशि, दूसरी राशि की कितनी गुनी है, अनुपात कहलाता है। अनुपात को (:) चिह्न से दर्शाया जाता है।
माना, a और b दो गैर-शून्य संख्याएँ हैं, तो a और b के अनुपात को a: b से दर्शाया जाता है और ‘a अनुपात b’ के रूप में पढ़ा जाता है। यहाँ, पहले वाले पद a को पूर्ववतों तथा बाद के पद b को अनुवर्ती कहा जाता है।
अनुपात के प्रकार
अनुपात के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हैं
- वर्गानुपात यदि a : b एक अनुपात है, तो इनका वर्गानुपात a2 : b2 होगा।
जैसे- 4:6 का वर्गानुपात = 16:25
- वर्गमूलानुपात यदि a:b एक अनुपात है, तो इनका वर्गमूलानुपात √a: √b होगा।
जैसे- 25: 36 का वर्गमूलानुपात = √25 : √36 = 5 : 6
- घनानुपात यदि a : b एक अनुपात है, तो इनका घनानुपात a3 : b3 होगा।
जैसे- 8:3 का घनानुपात = 83 : 33 = 512 : 2
- घनमूलानुपात यदि a: b एक अनुपात है, तो इनका घनमूलानुपात √ होगा।
जैसे- 27: 125 का घनमूलानुपात 3√27: 3√125 = 3 : 5
- विलोमानुपात या प्रतिलोम अनुपात यदि a : b एक अनुपात है, तो इनका प्रतिलोम अनुपात b : a होगा।
जैसे- 9 : 5 का प्रतिलोम अनुपात = 5 : 9 - मिश्र अनुपात दो या दो से अधिक अनुपातों के पूर्ववर्ती और अनुवर्ती पदों के गुणनफलों के अनुपात को उनके अनुपातों का मिश्र अनुपात कहा जाता है।
(i) दो अनुपात a : b और c : d का मिश्र अनुपात ac : bd होगा
जैसे – 5:3 और 7:9 का मिश्र अनुपात 5×7:3×9-35:27
(ii) यदि A : B = a : b और B : C = e : d, तो A : B : C = ac : be : bd और A: C = ac : bd
जैसे – यदि p : q = 3 : 4 और q : r = 8 : 9, तो
p : r = 3 x 8 : 4 × 9 = 2 : 3
(iii) यदि A : B = a : b, B : C = cd और C : D = e : f, तो
A : B : C : D = ace : bce : bde : bdf
जैसे – यदि A : B = 1 : 2, B : C = 3 : 4 और C : D = 5 : 6 है, तो
A : B : C : D = 15 : 30 : 40 : 48
नोट यदि अनुपात के प्रत्येक पद को किसी गैर-शून्य संख्या से गुणा या विभाजिর किया जाता है, तो अनुपात अपरिवर्तित रहता है।
जैसे – a : b = am : bm और a : b = a / m : b / m
अनुपातों की तुलना
माना a : b और e : d दो अनुपात हैं, तब
(1) यदि ad > bc, तो a : b > c : d
(ii) यदि ad < bc, तो a : b < c : d
(iii) यदि ad = be, तो a : b = c : d
जैसे – 1 : 3 और 3 : 5 में से कौन बड़ा है?
यहाँ, a : b = 1 :3, c : d = 3 : 5
ad = 5, be = 9
∵ ad < bc, तब 1 : 3 < 3 : 5
समानुपात
समानुपात, दो अनुपातों की समानता है। जैसे, a : b = c : d को लिखते हैं, a : b :: c : d और कहते हैं कि a, b, c और d समानुपात में है।
यहाँ, a और d को बाह्य पद तथा b और c को मध्य पद कहा जाता है।
वितत्नुपाती
तीन राशियों को वितत्नुपाती में कहा जाता है, यदि पहले से दूसरे का अनुपात, दूसरे से तीसरे के अनुपात के बराबर है। यदि तीन पद a, b और c हैं, तो उनका वितत्नुपात a : b :: b : c → a / b = b / c
जैसे – 5 : 10 :: 10 : 20
तृतीयानुपाती
यदि a : b :: b : x है, तो x को a और b का तृतीयानुपाती कहा जाता है और x = b2 / a
जैसे – 16 और 32 का तृत्तीयानुपात = (32×32) / 64 = 16
चतुर्थानुपाती
यदि a : b :: c : z, तो x को a, b और c का चतुर्थानुपाती कहा जाता है तथा x = bc / a
जैसे – 3,7 और 9 का चतुर्थानुपात = (9 × 7) / 3 = 21
मध्यानुपाती
यदि a : x :: x : b, तो x को a और b का मध्यानुपाती कहा जाता है, तथा x = √ab
जैसे – 4 और 36 का मध्यानुपात
√(4 × 36) = 2 × 6 = 12
समानुपात से सम्बन्धित महत्वपूर्ण नियम
- यदि x, y के समानुपाती है, तो x = ky, ( k कोई स्थिरांक है। )
- यदि x, y के व्युत्क्रमानुपाती है, तो x = k /y, ( कोई स्थिरांक है। )
- यदि a : b = c या a / b = c / d, तब
- विलोमानुपाती नियम, b / a = d / c
- निरन्तरानुपात का नियम, a / c = b / d
- योगानुपात का नियम, (a + b) / b = (c + d) / d
- अन्तरानुपात का नियम, (a – b) / b = (c – d) / d
- योगान्तरानुपात का नियग, (a + b) / (a –b) = (c + d) / (c – d)
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